Tuesday, April 16, 2024
HomeInformationदुनिया को स्मार्ट बनाने वाले खास आविष्कार भाग-2

दुनिया को स्मार्ट बनाने वाले खास आविष्कार भाग-2

दुनिया को स्मार्ट बनाने वाले खास आविष्कार भाग-2

दोस्तों इस लेख के पूर्व मैने आपको दुनिया को स्मार्ट बनाने वाले खास आविष्कारों के बारे में बताया था ।उसी क्रम को बढाते हुए कुछ और ऐसे ही आविष्कारों की चर्चा करने के लिए प्रस्तुत है उसी लेख की आगे की कड़ी अर्थात
दुनिया को बदल देने वाले खास आविष्कारों की प्रस्तुति का भाग दो–

ओपेन सोर्स साफ्टवेयर

इसका मतलब यह है कि बिना किसी प्रतिबंध के आपरेटिंग सिस्टम तैयार करना ।रिचर्ड स्टाल मैन ने इस प्रोजेक्ट की शुरूआत 1984 में की थी ।पहले मुफ्त साफ्टवेयर लाइसेंस का प्रकाशन भी इन्होने ही किया था ।फलस्वरूप इसके आगे लिनक्स, मोजिला विकीपीडिया आदि जारी किए गए थे ।

ल ई डी
लाइट इमीटिंग डायोडस

शीतल प्रकाश उत्सर्जित करने वाले इन छोटे स्रोतों के साथ यद्यपि 1900 के शुरूआती वर्षों से ही प्रयोग हो रहा था लेकिन यह तकनीक 1960 से पहले अव्यवहारिक ही थी ।याद रखें कैलकुलेटर पहला उत्पाद है जिसमें एल ई डी का प्रयोग किया गया ।1970/80 के दशक में तमाम उपकरणों तथा वाहनों में इसे लगाया गया ।

एल सी डी
लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले

यह तकनीक सन 1980 के उत्तरार्ध में पहली बार मानव खोज अभियान में शामिल की गई थी ।लेकिन यह भी सच है कि 1960 से पहले वैज्ञानिकों को बिजली के उपयोग द्वारा क्रिस्टल के साथ जटिल स्वरूप तैयार करने की जानकारी नही थी ।1970 के दशक में पहली एलसीडी तैयार की गई थी ।और उसके बाद यह इस कदर प्रसिद्ध हुई कि आज इसका प्रयोग घड़ी, टीवी, कम्प्यूटर वाहनों के साथ-साथ अन्य उत्पादों में भी किया जाने लगा है ।

दुनिया को स्मार्ट बनाने वाले खास आविष्कार भाग-2

कई उपग्रहों के नेटवर्क द्वारा धरती पर किसी स्थान विशेष को सटीक रूप से चिन्हित करना इस तकनीक का कमाल है।1993 में अमेरिकी रक्षा विभाग द्वारा 24 उपग्रहों के जीपीएस को आनलाइन लाया गया था।यद्यपि इसकी कल्पना सैन्य विभाग के लिए की गई थी लेकिन आज गैर सैन्य कार्यों में इसकी बहुतायत में जरूरत महसूस की जाती है ।आज इसी कारण यह क्षेत्र एक उद्योग की सकल ले चुका है।।कार घड़ी,मोबाइल, फोन हर जगह इस डिवाइस का प्रयोग देखा जा सकता है ।

ई कॉमर्स
आनलाइन शापिंग

आज इलेक्ट्रॉनिक कामर्स इलेक्ट्रॉनिक डाटा इंटर चेंज के बाहर विकास कर रहा है।1960 /70 के दशक में कंपनियां लेन-देन कम्प्यूटर माध्यम से करती थीं ।1980 के दशक में कम्प्यूसर्व ने अपने उपयोग कर्ताओं के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक माल तैयार किया लेकिन यह उपयोग कर्ताओं के अनुकूल नही था ।वहीं 1990 के दशक में ज्यों ही वर्ल्ड वाइड वेब और ब्राउज़र की खोज की गई तो ई कामर्स को आसमान छूने में समय नही लगा ।

मीडिया फाइल कम्प्रेशन

1970 के दशक में कम्प्यूटर वैज्ञानिकों द्वारा टेक्स्ट फाइलों को स्टोर करने के लिए इस तकनीक का विकास किया गया था ।सन् 1980 में कमेटी आफ एक्सपर्ट ने लोकप्रिय कम्प्रेशन स्टैंडर्ड तैयार किया जिसे आज हम जेपीईजी और एमपीईजी के नाम से जानते हैं

माइक्रोफाइनेंस

गरीबों या फिर कम आय वालों तक वित्तीय सेवाएं सुलभ कराने वाली यह अवधारणा सदियों से चली आ रही है ।लेकिन 1980 के दशक में इसने एक विस्तृत रूप ले लिया ।बांग्लादेश के अर्थशास्त्री मुहम्मद यूनुस ने ग्रामीण बैंक की स्थापना करके इसी के चलते ग्रामीणों में उम्मीदों की किरण ही जगमगा दी है ।

लेखक के पी सिंह
Kpsingh9775@gmail.com
13022018

RELATED ARTICLES

13 COMMENTS

  1. पब्लिश करने के कहने रिव्यू करें फिर सेटिंग के बाद समीक्षा के लिए भेजें
    फिर प्रकाशित होगा

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular