👉कब मनाये ये त्यौहार:- महाशिवरात्रि व्रत एवं पूजा विधि
महाशिवरात्रि का त्यौहार फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को ही मनाया जाता है, परंतु इस वर्ष चतुर्दशी 13 एवं 14 फरवरी को होने के कारण सभी लोग इस बात से असमंजस्य में पड़े हुए है। लेकिन शिवपुराण के अनुसार श्रवण नक्षत्र युक्त चतुर्दशी व्रत के लिए सर्वोत्तम मानी जाती है।महाशिवरात्रि व्रत एवं पूजा विधि
जो कि तिथि 13 फरवरी की रात से 11:34 से लग जायेगी और अगले दिन 14 फरवरी को रात 12:47 तक रहेगी। 14 फरवरी को नक्षत्र सुबह 4:56 से शुरू हो जायेगा, अतः महाशिवरात्रि 14 फरवरी को मनाना ही सर्वोत्तम है।
पूजा मुहूर्त:-
महाशिवरात्रि व्रत एवं पूजा विधि के मुहूर्त सुबह
14 फरवरी को प्रातः काल से ही सुबह 7 बजे से ही पूजा शुरू कर देनी चाहिए।
जो लोग पंडित जी से पूजा कराते है उनके लिए पूजा के खास मुहूर्त का समय।
प्रथम पूजन- सुबह 7 बजे से प्रारंभ करें।
द्वितीय पूजन- 11:15 से प्रारंभ करें।
तृतीय पूजन- दोपहर 3:30 से प्रारंभ करें।
चतुर्थ पूजन- शाम 5 :15 से प्रारंभ करे।
पंचम पूजन- रात्रि 8:00 बजे से प्रारंभ करें।
षष्ठ पूजन – रात्रि 9:30 से प्रारंभ कीजियेगा।
चार प्रहर पूजन का समय – गोधूलि बेला से प्रारंभ करके ब्रह्म मुहूर्त तक करना चाहिए।
पूजन विधि:-
महाशिवरात्रि व्रत एवं पूजा विधि
सर्वप्रथम अपने ऊपर जल छिड़के,फिर हाथ धो लें।
फिर पूजन का संकल्प करके श्री गणेशजी और माता पार्वती जी का ध्यान करें।
भगवान को रोली,चन्दन,सिंदूरचावल,फूल , चड़ाए इसके बाद हाथ मे बिल्वपत्र एवं अक्षत लेकर भगवान शिव का ध्यान करें।
भगवान शिव का ध्यान करके शिवजी को आसन प्रदान करें।
जल से स्नान कराकर दूध स्नान, दही स्नान ,घी स्नान एवं शहद स्नान करावें।फिर सुगन्धित जल से स्नान कराए।
प्रसाद चढ़ाये अब भगवान शिव जी को जनेऊ चढ़ाये फिर वस्त्र पहनाकर उनको रोली चावल पुष्पमाला एवं मुख्य रूप से बिल्वपत्र अवश्य चढ़ाये।
महाशिवरात्रि के दिन शिवजी का स्रंगार मुख्य रूप से करें क्यों कि इस दिल शिव जी का विवाह हुआ था।
इसके बाद दीपक और धूप जलाकर शिवजी को नैवेद्य एंव विविध प्रकार के फलो का भोग लगावे। एवं ॐ नमः शिवाय मन्त्र का जाप करते रहें। इसके बाद पान सुपारी लोंग इलायची नारियल एवं दक्षिणा चढ़ाकर आरती करें।
इसप्रकार से घर में पूजा करना चाहिये जिससे भगवान शिव प्रसन्न होते है और घर के सभी लोगों को अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
तो बोलो ॐ नमः शिवाय
तो इसप्रकार महाशिवरात्रि व्रत एवं पूजा विधि से आप ये त्यौहार मनाए।
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बहुत अच्छी जानकारी दी है।
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